NEWS Leaders : अनाथ फिर कमलनाथ के भरोसे, अगला मुख्यमंत्री चेहरा कमलनाथ, कांग्रेस ने दिखाई एकता की झलक

अनाथ फिर कमलनाथ के भरोसे, अगला मुख्यमंत्री चेहरा कमलनाथ, कांग्रेस ने दिखाई एकता की झलक
भोपाल : न्यूज़ लीडर्स
आखिर कमलनाथ ने उन नेताओं को पुचकार ही लिया जो स्वयं की उपेक्षा का शिकार थे। जी हां कमलनाथ की और से बुलाई प्रदेश के वरिष्टजन और पूर्व मंत्रियों की बैठक से सियासत गरमा गयी है।

कमलनाथ का नेतृत्व और अगले मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में इस बैठक में कमलनाथ के नाम को सर्वसम्मति मिली है।
मिशन 2023 को आगे रखकर हुई इस बैठक से प्रदेश भर के उस मायूस कार्यकर्ता को संजीवनी मिलेगी जो सिंधिया के भाजपा में जाने और कमलनाथ सरकार के गिर जाने का वास्तविक दुख अभी तक मना रहा था। बैठक में कांग्रेस की दिखी एकता का जिन्न बोतल से बाहर लाया गया है। जिसके संकेत कमलनाथ ने सोमवार को कांग्रेस के दफ्तर में हुई युवा कांग्रेस की बैठक में दे दिये थे। कहा था की कांग्रेस में ‘आल इज बेस्ट’ है।
भोपाल में कमलनाथ के निवास पर जुटे प्रदेश के महत्वपूर्ण कांग्रेस के नेताओं तय किया है की कमलनाथ के नेतृत्व में 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा जायेगा। अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो कमलनाथ ही होगें मुख्यमंत्री, यह बात मीडिया से बैठक के बाद जीतू पटवारी और तरुण भानोत ने कही है।


▪︎हासिये पर चल रहे नेताओं को क्या मिला हौंसला?.》
इस बैठक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की प्रदेश के वह नेता जो कमलनाथ के कारण राजनीति में हासिये पर चल रहे थे, उसमें प्रमुख रुप से अजयसिंह राहुल और अरुण यादव और डॉ गोविंदसिंह सब से आगे थे। अब एकता की बैठक जो हर पंद्रह दिन में होगी, से इन नेताओं का हौंसला बढ़ा है। अब देखना यह है की यह पूछ-परख का सियासी जीवन कितना है, एक बड़ा सवाल है?
“महत्वपूर्ण बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री तरूण भानोत ने मीडिया को संबोधित किया। देखिये क्या कह रहे है,
▪︎बैठक में कौन-कौन था उपस्थित.》
कमलनाथ निवास पर हुई बैठक में कमलनाथ के अलावा दिग्विजयसिंह, सुरेश पचौरी, अजयसिंह राहुल, अरुण यादव और कातिलाल भूरिया थे। वहीं कमलनाथ मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्री भी बैठक मे थे। जिसमें प्रमुख रुप से एपपी प्रजापति, डॉ विजयलक्ष्मी साधौ, सज्जनसिंह वर्मा, बाला बच्चन और सचिन यादव थे।
▪︎और अंत में .》
मप्र में कांग्रेस की इस तरह की बैठक लोकसभा चुनाव, मप्र के उपचुनावों और हाल ही में पांच राज्यों के बाद आये चुनावी परिमाणों के बाद पहली बार हुई है। इस बैठक केअच्छे परिमाणों को लेकर संशय बना हुआ है।