न्यूज लीडर्स : भोपाल
मध्यप्रदेश का सिर्फ़ चार दिन का मानसून सत्र आज दो दिन में ही स्थगित कर दिया गया है। दो दिन सिर्फ़ दो दो घंटे ही काम हुआ। मध्यप्रदेश की विधानसभा के सारे सत्र मात्र औपचारिकता बनकर रह गए है। सरकार अफ़सरों की पौ बारह है, जन प्रतिनिधि अब घर ही बैठें
“मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित। 15 जुलाई तक चलना था सदन। दूसरे दिन ही अंतिम सत्र हुआ खत्म। अनुपूरक बजट हंगामे के बीच हुआ पारित। कांग्रेस ने आदिवासी उत्पीड़न पर स्थगन माँगा था जो नहीं मिला तो हंगामा हुआ तब विधान सभा अध्यक्ष ने सदन सिने डाई कर दिया। अब सारे विधायक चुनाव जीतकर ही सदन में आ पायेंगे।”
▪︎》》कमलनाथ ने सरकार पर हमल बोला.》》
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 2 दिन भी नहीं चला, कल कुछ घंटे सत्र चला और आज कुछ घंटे सत्र चला।हमारी मांग थी कि आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर स्थगन प्रस्ताव लाया जाए लेकिन शिवराज सरकार सदन में चर्चा के लिए ही तैयार नहीं है।
महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार, सतपुड़ा भवन में हुए अग्निकांड, महंगाई, बेरोजगारी एवं पूरे प्रदेश में अव्यवस्था।शिवराज सरकार किसी भी चीज़ पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।