NEWS Leaders : मप्र में जंगल का मालिक बनाया वनवासी को, देश का पहला राज्य बना मप्र, केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा
मप्र में जंगल का मालिक बनाया वनवासी, देश का पहला राज्य बना मप्र, केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा
◇_कार्यक्रम के प्रमुख बिन्दु, जिस पर आधारित था श्री अमित शाह का संबोधन.》》
▪︎मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश को बीमारू से विकसित राज्य बनाया।
▪︎तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभांश राशि का किया वितरण
म.प्र. में साढ़े सात लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र के विकास का मार्ग हुआ प्रशस्त।
▪︎26 जिलों के 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने का हुआ शुभारंभ।
▪︎मध्यप्रदेश ने किया युग परिवर्तनकारी कार्य
जनजातीय विकास के लिए मध्यप्रदेश में उठाए गए कदम देश में अनुकरणीय।
▪︎जबलपुर में जनजातीय वर्ग के लिये की गई घोषणाओं पर शिवराज ने किया अमल।
◇_भोपाल के जंबूरी मैदान पर वन समितियों के सदस्यों का हुआ विशाल सम्मेलन.》
न्यूज़ लीडर्स : भोपाल
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि मध्यप्रदेश, वनवासियों को वन क्षेत्र का मालिक बनाने वाला देश का पहला राज्य है। मध्यप्रदेश ने यह युग परिवर्तनकारी कार्य किया है। गत सितंबर माह में जबलपुर में जनजातीय समाज के विकास के लिए की गई महत्वपूर्ण घोषणाओं को पूर्ण करने में मध्यप्रदेश सरकार सक्रिय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन घोषणाओं को पूरा करते हुए अमल में लाना प्रारंभ कर दिया है। अंग्रेजों के समय से सरकार के पास जंगलों का स्वामित्व था। अब मध्यप्रदेश में कीमती सागवान लकड़ी के साथ ही अन्य वन संपदा की 20% राशि के मालिक वनवासी होंगे। जनजातीय समुदाय के हक में लागू की गई ये बड़ी पहल है। मध्यप्रदेश में देश की सबसे अधिक 21% जनजाति आबादी निवास करती है। इनके कल्याण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। केन्द्रीय मंत्री श्री शाह आज जंबूरी मैदान में वन समितियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निरंतर कार्य किया है। मध्यप्रदेश अब विकसित राज्यों में शामिल है। यहाँ सिंचाई की व्यवस्था, पर्याप्त बिजली आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण कार्य शिवराज जी के नेतृत्व में हुए हैं। जनजातीय क्षेत्र कल्याण के लिए मध्यप्रदेश की पहल पूरे देश के लिए अनुकरणीय है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि वनवासी क्षेत्र के सभी लोग अधिकार के साथ जिये, यह उनका स्वप्न है, जिसे साकार किया जा रहा है। आज बाँस और अन्य उत्पादन के लिए राशि वितरण के साथ तेंदूपत्ता संग्राहकों को करोड़ों रुपए की राशि का भुगतान किया गया है। मध्यप्रदेश के 925 में से 827 वन ग्राम को राजस्व ग्रामों की तरह सुविधाएँ देने की शुरूआत हुई है। यहाँ परिसिमन हो सकेगा, आवास के लिए ऋण मिल सकेगा और राजस्व के सभी अधिकार वनवासियों को प्राप्त होंगे। सम्मेलन में आए प्रतिनिधि वनवासी आज स्वाभिमान के भाव के साथ वापस जाएंगे। प्रदेश में 15 हजार 600 से अधिक ग्राम सभाओं में वन समितियों के माध्यम से प्राथमिकता से कार्य किए जा सकेंगे।
“केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने रिमोट से बटन दबाकर वन ग्राम की जस्व ग्राम बनाने के कार्य की शुरुआत की। इस कार्य के लिए प्रदेश के 26 जिलों के 827 ग्राम चयनित किए गए हैं।”
केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि सरकार को प्रधानमंत्री श्री मोदी समाज के वंचित और दलित वर्गों की सरकार की पहचान देने में सफल रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक सभी को अपना घर देने का भी संकल्प है। श्री शाह ने कहा कि देश में शौचालयों का निर्माण किया गया है। उज्ज्वला के 13 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए है। हर घर में नल से जल पहुँचाने की पहल जल जीवन मिशन से हो रही है। वर्ष 2024 तक यह कार्य पूरा होगा। आयुष्मान योजना में 5 लाख रूपये तक के इलाज की सुविधा दी जा रही है। कोरोना काल में नि:शुल्क अनाज देने की सुविधा दी गई। वैक्सीनेशन का लाभ नागरिकों को दिया गया।
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश में “मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम” योजना में खाद्यान्न वितरण के साथ विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवार की महिलाओं को 1000 रूपये का आहार अनुदान भी दिया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश द्वारा 19.7 प्रतिशत विकास दर हासिल करना बड़ी बात है। मध्यप्रदेश में गत 10 वर्ष में 200% सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हुई है, जो अन्य राज्यों में नहीं हुई। प्रदेश में पूँजीगत व्यय 31 हजार करोड़ रूपये से बढ़कर 40 हजार करोड़ तक हो गया है। भारत सरकार ने भी मध्यप्रदेश को 11 हजार करोड़ रूपये प्रदान किये हैं। जनजातीय वर्ग के कल्याण का बजट 4 हजार करोड़ रूपये से बढ़कर 7 हजार 524 करोड़ रूपये हो गया है। भारत सरकार ने जनजातियों के विकास के लिये पूर्व सरकार की 21 हजार करोड़ की राशि को बढ़ाकर 78 हजार करोड़ रूपये तक पहुँचा दिया है। एकलव्य विद्यालयों के लिये 14 हजार 18 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये विशेष कार्य किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री श्री चौहान और उनकी टीम को बढ़ते मध्यप्रदेश और जनजातीय वर्ग के कल्याण के ऐतिहासिक कार्य के लिए साधुवाद एवं बधाई दी।