Newsleaders : शोले के ‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ अब नहीं रहे, 400 फिल्मों के बाद दुनिया छोड़ गए कॉमेडी के बादशाह असरानी

Newsleaders : शोले के ‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ अब नहीं रहे, 400 फिल्मों के बाद दुनिया छोड़ गए कॉमेडी के बादशाह असरानी
न्यूज लीडर्स विशेष
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता असरानी का दिवाली के दिन मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 84 साल के थे। असरानी पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और पांच दिन से अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने शाम 4 बजे अंतिम सांस ली।
उनके मैनेजर बाबू भाई ने बताया कि उन्हें फेफड़ों में पानी भर जाने और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। उनका अंतिम संस्कार आज ही सांताक्रूज स्थित श्मशानभूमि में किया गया। असरानी का पूरा नाम गोवर्धन असरानी था।

●》शोले का यादगार किरदार.》》
फिल्म ‘शोले’ में जेलर का उनका किरदार इतना आइकॉनिक हुआ कि आज भी उनका नाम सुनते ही ‘हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं’ डायलॉग याद आ जाता है। शोले में उनकी वेशभूषा एडोल्फ हिटलर से प्रभावित थी।
●》असरानी का फिल्मी जीवन सफर.》》
असरानी का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर में हुआ था। अपनी अनोखी कॉमेडी स्टाइल और यादगार किरदारों के लिए मशहूर असरानी ने 1960 के दशक में फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में काम किया और दर्शकों को खूब हंसाया।

“उन्हें हास्य भूमिकाओं के लिए कई बार सराहा गया और उन्हें अपने करियर में दो बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया”
उनकी फिल्मों में मेरे अपने, कोशिश, बावर्ची, परिचय, अभिमान, चुपके-चुपके, छोटी सी बात, रफू चक्कर, खट्टा मीठा जैसी हिट फिल्में शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने शोले में ‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ का किरदार निभाया, जो आज भी दर्शकों की यादों में है।

“84 साल की उम्र में दिवाली के दिन बॉलीवुड के इस दिग्गज ने अंतिम सांस ली। उनकी यादगार कॉमेडी और किरदार हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेंगे”
असरानी ने कई फिल्मों में लीड रोल निभाए और डायरेक्शन भी किया। उनकी डायरेक्ट की हुई फिल्मों में चला मुरारी हीरो बनने और सलाम मेमसाब शामिल हैं। गुजराती सिनेमा में भी उन्होंने अपनी कला का जलवा दिखाया। असरानी की कमी बॉलीवुड जगत के लिए बड़ा झटका है। असरानी ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से भारतीय सिनेमा में एक खास जगह बनाई।
