NEWS Leaders : जिला और संभागों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण होगा, बड़वानी जिले में कुक्षी के मिलने एवं निमाड़ संभाग बनने की संभावना ?

NEWS Leaders : जिला और संभागों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण होगा, बड़वानी जिले में कुक्षी के मिलने एवं निमाड़ संभाग बनने की संभावना ?
परिसीमन आयोग करेगा सीमाओं का पुनर्निर्धारण
सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव को सौंपा दायित्व
भोपाल : न्यूज लीडर्स
मप्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे प्रदेश के कई छोटे-बड़े जिलों का पुनर्गठन जन सामान्य की सुविधा और बेहतरी के उद्देश्य से जिले और संभाग की सीमाओं का पुनर्निर्धारण किया जाएगा। मध्य प्रदेश में कुल दस संभाग और 53 जिले हैं।

●》प्रदेश के कई छोटे-बड़े जिलों के पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त.》》
मध्यप्रदेश भौगोलिक दृष्टि से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, राज्य का क्षेत्रफल अधिक है परंतु जिला और संभागों की सीमाओं के कारण लोगों को कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। कई गांव ऐसे हैं जिनकी जिला मुख्यालय से दूरी बहुत अधिक है, इसी प्रकार कई संभाग बहुत छोटे हैं।
“मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने इंदौर संभाग की समीक्षा बैठक खरगोन में की थी। इस बैठक में निमाड़ को अलग संभाग बनाने की बात भी आई। इंदौर संभाग प्रदेश का सबसे बड़ा संभाग है। जिसमें कुल 8 जिले हैं। अगर निमाड़ संभाग बनता है तो खरगोन मुख्यालय को संभाग का दर्जा मिल सकता है।”
●》》बड़वानी जिला होगा प्रभावित.》》
धार जिला बड़ा होने से और कुक्षी की धार जिला मुख्यालय से अधिक दूरी होने से उसे नजदीक के बड़वानी जिले में जोड़ने की प्रबलतम संभावना है। तात्कालिक सीएम दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में कुक्षी को नये बनने वाले बड़वानी जिले में जोड़ा जा रहा था। लेकिन राजनीतिक बाधा के चलते यह हो ना सका। लेकिन प्रशासनिक दृष्टी से यह निर्णय जन सुविधाओं के लिए बेहतर साबित होगा।
“मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने एक बार फिर लोगों को चौंकाया है। उन्होने ऐसे विषय को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है, जिसकी जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।”

●》सागर, उज्जैन, इंदौर बड़वानी और धार जिले होंगे प्रभावित.》》
मप्र में सागर, उज्जैन, इंदौर बड़वानी और धार जिलों में कई समस्याएं हैं। इन जिलों की कई तहसीलें जिला मुख्यालय से दूर है जो इस निर्णय से प्रभावित होंगे।बीना में रिफाइनरी स्थापित होने से बीना क्षेत्र का भी युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। खरगोन में संभाग और जिलों की सीमा पुननिर्धारण करने के निर्देश से इस संभावना से भी अब इंकार नहीं किया जा सकता कि संभाग और जिलों की संख्या में वृद्धि हो सकती है?
“सीएम ने कहा, इस प्रकार की सभी विसंगतियों को दूर करने के उद्देश्य से नया परिसीमन आयोग गठित कर जिलों व संभागों के पुनरीक्षण का दायित्व सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव को सौंपा गया है।”

●》और अंत में.》》
मध्यप्रदेश के गठन के समय 43 जिले थे। इसके बाद, वर्ष 1972 में दो बड़े जिलों का बंटवारा किया गया, सीहोर से भोपाल और दुर्ग से राजनांदगांव अलग किया गया। तब जिलों की कुल संख्या 45 हो गई। वर्ष 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक साथ 16 नए जिले बनाए। जिलों की संख्या 61 बन गई। लेकिन 2000 में छत्तीसगढ़ नया राज्य बनने से 16 जिले कम हो गये। इस प्रकार, वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य अस्तित्व में आया, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और जो 308 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र पर फैला हुआ है।
