NEWS Leaders : जीतू के दम-खम से मिली जीत, जीतू विरोधी पस्त, विजयपुर में कांग्रेस के विजय से बड़ा सियासी कद, बुधनी में बीजेपी के वोट हुए कम
NEWS Leaders : जीतू के दम-खम से मिली जीत, जीतू विरोधी पस्त, विजयपुर में कांग्रेस के विजय से बड़ा सियासी कद, बुधनी में बीजेपी के वोट हुए कम
विजयपुर में विजयी भव: से जीतू पटवारी को मिली संजीवनी, कुर्सी जाने का खतरा टला, पार्टी में बढ़ा विश्वास
न्यूज लीडर्स विशेष रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद जीतू पटवारी के नेतृत्व पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे। जीतू पटवारी अकेले विजयपुर विधानसभा सीट पर मोर्चा संभाले थे। इस जीत के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में उनके विरोधियों की आवाज दबेगी। वहीं, केंद्रीय नेतृत्व के सामने भी जीतू पटवारी का कद बढ़ेगा। क्योंकी विजयपुर में मुकेश मल्होत्रा की जीत से कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी की स्थिति मजबूत हुई।
“मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर से जीत दर्ज की है। विजयपुर में उसे हार का सामना करना पड़ा है”
विजयपुर सीट से वन मंत्री रामनिवास रावत की हार के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में कई तरह की अटकलों का दौर शुरू हो गया है। विजयपुर सीट पर हार के बाद बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं का कद बढ़ा है तो कई नेताओं का कद घटा है।
उपचुनाव में प्रदेश में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली है, वहीं, बुधनी विधानसभा सीट पर वोट प्रतिशत में बढ़त मिली है। यह जीत मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के लिए संजीवनी का काम कर गई। पटवारी की कुर्सी जाने का खतरा टल गया है।
“जीतू पटवारी के अध्यक्ष बनने के बाद यह एमपी कांग्रेस की पहली जीत है”
●》जीतू की हाईकमान में पूछ-परख बढ़ेगी.》》
जीतू पटवारी के नेतृत्व क्षमता पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे। यह सवाल कोई और नहीं बल्कि पार्टी के ही कई बड़े नेता कर रहे थे। कई नेता तो उनको अनुभवहीन तक कह दिया था। अब यह जीत जीतू पटवारी के लिए संजीवनी की तरह काम कर रही है। जहां उनकी राष्ट्रीय स्तर पर पूछ-परख बढ़ जाएगी। वहीं, प्रदेश स्तर पर भी नेताओं को जीतू पटवारी पर विश्वास बढ़ सकता है।
दरअसल, लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस को एक जीत की तलाश लंबे समय से थी। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुलने और उसके बाद छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा उपचुनाव में मिली हार के बाद पार्टी में काफी निराशा छाई हुई थी।
●《 बुधनी में भी दिखाया पटवारी ने दम, बीजेपी के वोट हुए कम.》》
बुधनी उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद भी राहत है। पिछली बार एक लाख से ज्यादा वोटों से जीतने वाली बीजेपी को कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल ने टक्कर दी है। भार्गव महज 13901 वोटों से जीत दर्ज की है। 2023 में शिवराज सिंह चौहान यहां से एक लाख 4 हजार 974 वोटों से जीते थे।
इस चुनाव में पूर्व सीएम शिवराज सिंह और सीएम डॉ. मोहन यादव ने पूरी ताकत लगाई थी। लेकिन कांग्रेस ने भाजपा को कांटे की टक्कर दी। दरअसल पटवारी चुनाव की घोषणा से पहले ही यहां के कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन पार्टी करते रहे जिसका असर वोटिंग में देखने को मिला।