NEWS Leaders : कमलनाथ के सर्वे रिपोर्ट से खरगोन-बड़वानी जिले के कांग्रेस विधायकों में खलबली
कमलनाथ के सर्वे रिपोर्ट से खरगोन-बड़वानी जिले के कांग्रेस विधायकों में मची खलबली
“पश्चिम निमाड़ में कांग्रेस के सुस्त विधायकों के लिए मिशन 2023 की राह मुश्किल हो सकती है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ के सर्वे में कमजोर प्रदर्शन वाले प्रदेश के 38 विधायकों के नाम से सियासत में खलबली मची हुई है, बताया जा रहा है आगे होने वाले सर्वे में अगर स्थिति में सुधार नहीं आया तो ऐसे विधायकों की उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती है?”
राजकाज : न्यूज़ लीडर्स
मप्र में कांग्रेस की आंतरिक राजनीति को लेकर बवाल मचा हुआ है। मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ की और से कांग्रेस के वर्तमान विधायकों की सर्वे रिपोर्ट चौकान्ने वाली है। बताया जा रहा है की कांग्रेस के 96 विधायकों में 38 विधायकों का रिपोर्ट कार्ड बेहद कमजोर आया है। जिसमें खरगोन और बड़वानी जिले के कुछ विधायकों के नाम भी सामने आये है।
पश्चिम निमाड़ जिले की दस विधान सभा क्षेत्रों में बड़वानी और खरगोन जिले के कुछ विधायकों की सर्वे रिपोर्ट खराब आई है। आपको बता दे, पिछले विधानसभा चुनाव में इन दोनों जिलों में 8 और एक बागी विधायक सहित कांग्रेस के कुल 9 विधायक चुनाव जीते है, इन समस्त दस सीटों पर भाजपा को बड़वानी विधानसभा में प्रेमसिंह पटेल के रुप में जीत मिली है, वह जीत भी कांग्रेस के एक बागी उम्मीदवार के कारण संभव हुई थी।
“सर्वे का नवाचार खुद कमल नाथ की ओर से है, न कि पार्टी की तरफ से दी गई कोई व्यवस्था। 2023 में विस चुनाव तक हर तीन महीने में सर्वे होते रहेंगे।”
बताया जाता है आगामी विधानसभा चुनाव तक चार से पांच सर्वे करवा सकते है, उसके बाद फायनल रिपोर्ट कार्ड बनाया जायेगा। सूत्र ने जानकारी दी है की खरगोन और बड़वानी जिले के दो विधायकों की सर्वे रिपोर्ट चौकान्ने वाली है। इन दो विधायको की कार्यशैली, पिछले चुनाव में काम करने वाले कार्यकर्ताओं से विधायक की अनदेखी और कथित रुप से ऐसे घिरे हुए लोगो से विधायक की नजदीकियों के कारण खराब रिपोर्ट सामने आई है। वहीं क्षेत्र में विधायकों की लोकप्रियता लगातार कम हो रही है। ऐसे में 2023 के विस चुनाव में फिर से मौका देने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता है।
▪︎कमलनाथ के सर्वे का आधार क्या है?.》
कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में सर्वे एजेंसी आम लोगों से जानकारी जुटाते हैं कि विधायक ने जनता को कितना समय दिया। गांवों के दौरे विधायक जाते हैं या नहीं? जाते भी हैं, तो क्या दौरा औपचारिक ही होता है या लोगों से मेल-मिलाप होता है या नहीं? सर्वे में देखा जाता है कि क्षेत्र में नागरिकों के सुख-दुख में विधायक शामिल होते हैं या नहीं? पार्टी में भी विधायक की गतिविधियों की जानकारी ली जाती है। देखा जाता है कि विधायक बूथ कमेटी स्तर पर कार्यकर्ता से संपर्क में हैं या नहीं?
▪︎संगठन स्तर भी एक कमेटी गुप्तचर स्तर पर सर्वे कर रही है.》
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कमलनाथ काफी गंभीर दिख रहे है, निजी एजेन्सी के अलावा मप्र कांग्रेस में पार्टी स्तर पर भी सर्वे शुरु हो गया है, इस समिति में कमलनाथ ने अपने अति विश्वसनीय लोगों को काम सौंपा है जो विधायकों के कामकाज की सर्वे रिपोर्ट देगें।
▪︎इस मामले में क्या कहते है, केके मिश्रा, महासचिव मप्र कांग्रेस.》
कमल नाथ जी की कार्यशैली की विशिष्ट पहचान है। मिशन 2023 को लेकर वे किसी भी कोताही के मूड में नहीं हैं। अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए वे हर संभव एक्शन लेंगे। वे हर राह को सुनिश्चित करने से पहले पार्टी के भीतर और विभिन्न् निजी एजेंसियां से सर्वे रिपोर्ट प्राप्त उसी के हिसाब से आगे के फैसले तय करते हैं। यह क्रम विधानसभा चुनाव तक चलेगा।
▪︎और अंत में.》
हाल-फिलहाल कमलनाथ की और से करवाये गोपनीय सर्वे ने 38 विधायकों की नींद उठा रखी है पर यह अंतिम सर्वे नहीं है। आगे और होने वाले सर्वे से विधायकों की अच्छी रिपोर्ट आने से स्थिति बदल भी सकती है।