पहले एक कामेडियन थे राष्ट्रपति जेलेंस्की, जानें- क्या थी राजनीति में आने की वजह और रूस को लेकर कैसे थे उनके विचार
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंच चुकी हैं। इससे रूस की मंशा भी साफतौर पर जाहिर हो गई है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शांति की अपील की है। हालांकि ये अपील इस मोड़ पर कारगर साबित होती नहीं दिखाई दे रही है। इस पूरे विवाद में जेलेंस्की की भूमिका बेहद खास रही है। आपको बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति पद पर आसीन होने से पहले या एक राजनेता बनने से पहले वो एक एक्टर और कोमेडियन थे। उनका राजनीतिक सफर भी खासा चुनौतीपूर्ण नहीं रहा। हालांकि इसके बाद जो उनकी चुनौतियां सामने आईं वो आज भी खत्म नहीं हुई हैं।
एक्टर और कामेडियन जेलेंस्की
वर्ष 2019 में जेलेंस्की ने यूक्रेन की सत्ता संभाली थी। वो खुद रूसी भाषा ही बोलते हैं। कीव में ही पले और बड़े हुए जेलेंस्की ने एक्टर के तौर पर करियर भी यूक्रेन से ही शुरू किया था। कीव की नेशनल इकनामिक यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री लेने के बाद उन्होंने खुद को एक कोमेडियन के तौर पर सभी के सामने पेश किया और एक अपनी प्रोडेक्शन कंपनी भी खोली। 2015 से उनके राष्ट्रपति बनने तक दिखाई जाने वाली सीरिज सर्वेंट आफ पीपुल्स लोगों को काफी पंसद आई और वो लोगों के दिलों पर छा गए। वर्ष 2018 में उन्होंने इसी शो के नाम से एक पार्टी का गठन किया।
राजनीति में आने की वजह
मार्च 2019 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि वो राजनीति में इसलिए आना चाहते हैं क्योंकि वो लोगों के दिलों में राजनेताओं के प्रति खत्म हो चुके विश्वास को दोबारा कायम कर सकें। इसको इत्तफाक नहीं कहा जा सकता है कि इसी वर्ष उन्होंने खुद को अपनी पार्टी से न सिर्फ राष्ट्रपति प्रत्याशी के रूप में घोषित किया बल्कि एकतरफा जीत भी हासिल की थी। वो 2019 के चुनाव में एक भ्रष्टाचार विरोधी नेता की छवि के रूप में उभरे थे। उन्होंने एक नेता के तौर पर सोशल मीडिया का भी बखूबी इस्तेमाल किया।
चुनौतियां रही सामने
इस दौरान खराब अर्थव्यवस्था को सुधारने को लेकर और कोरोना महामारी का भी सामना उन्हें करना पड़ा। साथ ही देश में व्याप्त भ्रष्टाचार उनके लिए बड़ी चुनौती बना रहा। अपने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार में उन्होंने लोगों को ये भरोसा दिलाया था कि वो रूस से विवादों को खत्म करेंगे। इसके लिए वो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता करेंगे। हालांकि मौजूदा समय में जिस चुनौती से उन्हें दो चार होना पड़ रहा है उसको देखते हुए ये कहना गलत नहींं होगा कि वो ऐसा कर पाने में असमर्थ रहे हैं।