Newsleaders : करवट बदलता मौसम, कब तक रहेगी सर्दी? स्कायमेट का बड़ा पूर्वानुमान, नए साल पर पहाड़ों में भारी बर्फबारी के आसार

Newsleaders : करवट बदलता मौसम, कब तक रहेगी सर्दी? स्कायमेट का बड़ा पूर्वानुमान, नए साल पर पहाड़ों में भारी बर्फबारी के आसार
न्यूज लीडर्स : मौसम विशेष
देशभर में मौसम एक बार फिर करवट लेने जा रहा है। स्कायमेट वेदर के ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर भारत समेत मध्य और दक्षिण भारत में आने वाले दिनों में सर्दी का असर तेज़ी से बढ़ेगा। खासकर नए साल के मौके पर पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी की संभावना जताई गई है, जिससे पर्यटन गतिविधियों में भी तेजी आ सकती है।

“नए साल की दस्तक के साथ ही देश में सर्दी अपने पूरे तेवर दिखाने को तैयार है… पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में शीतलहर का अलर्ट”
●》बर्फ की चादर देखने को मिलेगी.》》
स्कायमेट के मुताबिक, 27 दिसंबर की रात से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जबकि 30 या 31 दिसंबर को एक और अधिक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत को प्रभावित करेगा। इसके असर से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की प्रबल संभावना है। श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम और मनाली जैसे पर्यटन स्थलों पर नए साल के दौरान ताज़ी बर्फ की चादर देखने को मिल सकती है।

●》मैदानी इलाकों में बढ़ेगी ठिठुरन.》》
मैदानी राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी सर्दी का असर तेज होगा। न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। तेज़ हवाओं के चलते कोहरे में थोड़ी कमी, लेकिन शीतलहर और पाले का खतरा बढ़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरता तापमान रबी की फसलों जैसे गेहूं और सरसों के लिए लाभकारी रहेगा, हालांकि बारिश की कमी किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

●》मध्य और दक्षिण भारत का हाल.》》
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात में भी ठंड का असर तेज़ होगा। न्यूनतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की जाएगी। तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश संभव 30–31 दिसंबर के आसपास केरल के कुछ हिस्सों में भी बारिश की गतिविधियाँ शुरू हो सकती हैं
●》2026 में कब तक रहेगी सर्दी?.》》
जलवायु विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष सर्दी की शुरुआत थोड़ी देर से हुई है। आमतौर पर नवंबर में शुरू होने वाली ठंड अब दिसंबर के अंतिम सप्ताह में प्रभावी हो रही है। पश्चिमी विक्षोभों की देरी मुख्य कारण सर्दी का असर फरवरी 2026 तक बना रह सकता है, पहाड़ों में लंबे समय तक बर्फबारी मैदानी इलाकों में एक्सटेंडेड विंटर का अनुभव संभव है।




