
NEWS Leaders : जीएसटी परिषद् की 56 वीं बैठक की सिफारिशें, वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव को जानिए
न्यूज लीडर्स डेस्क
अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से की थी, एक ऐतिहासिक कर ढांचे के रणनीतिक, सैद्धांतिक और नागरिक-केंद्रित विकास का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सभी नागरिकों के जीवन के स्तर को बेहतर बनाएंगे.

जीएसटी परिषद ने सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने और छोटे व्यापारियों व कारिबारियों के साथ-साथ सभी के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुनिश्चित करने पर आधारित बहु-क्षेत्रीय और बहु-विषयक सुधारों को मंजूरी दी
जीएसटी परिषद ने अर्थव्यवस्था को चलाने वाले प्रमुख चालकों जैसे आम आदमी, श्रम-प्रधान उद्योगों, किसान और कृषि, स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए दरों को युक्तिसंगत बनाने को मंजूरी दी
सभी निजी जीवन बीमा पॉलिसी, चाहे वे टर्म लाइफ, यूएलआईपी या एंडोमेंट पॉलिसी हों, और उनके पुनर्बीमा पर जीएसटी से छूट दी गई है, जिससे आम आदमी के लिए बीमा को किफायती बनाया जा सके और देश में बीमा कवरेज को बढ़ाया जा सके.

सभी निजी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों (फैमिली फ्लोटर पॉलिसी और वरिष्ठ नागरिकों के लिए पॉलिसी सहित) और उनके पुनर्बीमा पर जीएसटी से छूट दी गई है, जिससे आम आदमी के लिए बीमा को किफायती बनाया जा सके और देश में बीमा कवरेज को बढ़ाया जा सके
मौजूदा 4-स्तरीय टैक्स रेट ढांचे को नागरिकों के लिए अनुकूल ‘सिंपल टैक्स’ में सुव्यवस्थित करना, जिसमें 2 दर संरचनाएं, 18% का स्टैंडर्ड रेट और 5% का मेरिट रेट हैं; कुछ चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं के लिए 40% का विशेष डिमेरिट रेट
आम आदमी की कई वस्तुएं जैसे हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर, अन्य घरेलू सामान आदि पर जीएसटी 18% या 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है
बहुत अधिक तापमान वाला (यूएचटी) दूध, पहले से पैक और लेबल वाला छेना या पनीर पर जीएसटी 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है; सभी भारतीय ब्रेड (चपाती, पराठा, परोटा आदि) पर भी जीएसटी हटा दिया गया है.

लगभग सभी खाद्य पदार्थों जैसे पैकेज्ड नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, संरक्षित मांस, कॉर्नफ्लेक्स, मक्खन, घी आदि पर जीएसटी 12% या 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है
एयर कंडीशनिंग मशीन, 32 इंच के टीवी (सभी टीवी पर अब 18% कर), डिशवॉशिंग मशीन, छोटी कार, 350 सीसी या उससे कम क्षमता वाली मोटरसाइकिल पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है
कृषि वस्तुओं, मिट्टी तैयार करने या जुताई के लिए ट्रैक्टर, कृषि, बागवानी या वानिकी मशीनरी, कटाई या थ्रेसिंग मशीनरी, जिसमें पुआल या चारा बेलर, घास काटने की मशीन, कंपोस्ट मशीन आदि शामिल हैं, पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है
हस्तशिल्प, संगमरमर और ट्रैवर्टीन ब्लॉक, ग्रेनाइट ब्लॉक, और मध्यम चमड़े के सामान जैसी श्रम-आधारति वस्तुओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है
सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है.

33 जीवनरक्षक दवाओं और औषधियों पर जीएसटी 12% से घटाकर शून्य कर दिया गया है और कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर दीर्घकालिक रोगों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 जीवनरक्षक दवाओं और औषधियों पर जीएसटी 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है
अन्य सभी दवाओं और औषधियों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है
चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, दंत चिकित्सा या पशु चिकित्सा या भौतिक या रासायनिक जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले कई चिकित्सा उपकरणों और यंत्रों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है
कई चिकित्सा उपकरणों और आपूर्ति उपकरणों जैसे वैडिंग गॉज, बैंडेज, डायग्नोस्टिक किट और रीजेंट, ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम (ग्लूकोमीटर), चिकित्सा उपकरणों आदि पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है
350 सीसी या उससे कम सीसी वाली छोटी कारें और मोटरसाइकिल पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है.

बस, ट्रक, एंबुलेंस आदि पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है
सभी ऑटो कलपुर्जों पर, चाहे उनका एचएस कोड कुछ भी हो, 18% की एक समान दर कर दी गई है; तीन-पहिया वाहनों पर इसे 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है
हाथ से बनाए रेशे पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% और मानव निर्मित धागे पर 12% से घटाकर 5% करके, मानव निर्मित कपड़ा क्षेत्र के लिए लंबे समय से लंबित इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार किया गया है
सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% करके उर्वरक क्षेत्र में इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार किया
नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों और उनके निर्माण हेतु पुर्जों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है

7,500 रुपये प्रति यूनिट प्रतिदिन या उसके बराबर मूल्य वाली “होटल आवास” सेवाओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है
आम आदमी के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सौंदर्य और शारीरिक स्वास्थ्य सेवाओं, जिनमें जिम, सैलून, नाई, योग केंद्र आदि शामिल हैं, पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद् की 56वीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई। जीएसटी परिषद् ने अन्य विषयों के अतिरिक्त, लोगों, आम आदमी, महत्वाकांक्षी मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने और जीएसटी में व्यापार को सुगम बनाने के उपायों के लिए जीएसटी टैक्स दरों में बदलाव से संबंधित सिफारिशें कीं। संशयों के समाधान के लिए एफएक्यू भी जारी किए जा रहे हैं। 56वीं जीएसटी परिषद् की ओर से की गई सिफारिशें निम्नलिखित हैं:

- वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में बदलाव
- वस्तुओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
- वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव
एचएसएन-वार दरों में बदलाव अनुलग्नक-I में और क्षेत्रवार दरों में बदलाव अनुलग्नक-II में दिए गए हैं।
2. वस्तुओं से संबंधित अन्य बदलाव
- यह निर्णय लिया गया है कि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू, जर्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू पर लेन-देन मूल्य के बजाय खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) पर जीएसटी लगाया जाएगा।
- भारत के राष्ट्रपति के लिए राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से आयात की गई नई बख्तरबंद सेडान कार पर एडहॉक आईजीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर से छूट देने का निर्णय लिया गया है।
- सेवाओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
- सेवाओं की जीएसटी दरों में बदलाव
एचएसएन-वार दरों में बदलाव अनुलग्नक-III में और क्षेत्र-वार दरों में बदलाव अनुलग्नक-IV में दिए गए हैं।
2. सेवाओं से संबंधित अन्य बदलाव
- परिषद् ने रेस्टोरेंट सेवाओं की कर-देयता के संदर्भ में ‘निर्देशित परिसर’ की परिभाषा में स्पष्टीकरण जोड़ने की सिफारिश की है, जिससे यह स्थिति स्पष्ट की जा सके कि एक स्टैंड-अलोन रेस्टोरेंट खुद को ‘निर्देशित परिसर’ घोषित नहीं कर सकता है और फलस्वरूप, आईटीसी के साथ 18% की दर से जीएसटी का भुगतान करने का विकल्प नहीं प्राप्त कर सकता है।
- परिषद् ने मूल्यांकन नियमों को लॉटरी टिकटों पर लागू कर की दर में बदलाव के आधार पर बनाने की सिफारिश की है, जीएसटी मूल्यांकन नियमों में कुछ संशोधन किए जा रहे हैं।
- कार्यान्वयन की तारीख से जुड़ी सिफारिशें
परिषद् का विचार था कि वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू किए जाने चाहिए। हालांकि, क्षतिपूर्ति उपकर खाते के अंतर्गत दायित्व को पूरा करने हेतु फंड्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, परिषद् ने निर्णय लिया कि जीएसटी दरों में बदलाव निम्नलिखित चरणबद्ध तरीके से लागू किए जा सकते हैं:
- सेवाओं पर जीएसटी दरों में बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।
- पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पाद, अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू और बीड़ी को छोड़कर सभी वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।
- पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पाद, अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू और बीड़ी पर जीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर की मौजूदा दरें लागू रहेंगी, जब तक क्षतिपूर्ति उपकर खाते के अंतर्गत लोन और ब्याज भुगतान दायित्वों का पूरी तरह भुगतान नहीं हो जाता।
- उपरोक्त (सी) के आधार पर, केंद्रीय वित्त मंत्री और जीएसटी परिषद् के अध्यक्ष ऊपर बताई गई वस्तुओं के लिए परिषद् की ओर से मंजूर की गई जीएसटी की संशोधित दरों में बदलाव की वास्तविक तिथि तय कर सकते हैं।
- सीजीएसटी अधिनियम, 2017 में अपेक्षित संशोधन लंबित होने तक, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) प्रणाली की ओर से किए गए डेटा विश्लेषण और जोखिम मूल्यांकन के आधार पर इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर से आए 90% प्रोविजनल रिफंड प्रदान करने की संशोधित प्रणाली का प्रशासनिक रूप से कार्यान्वयन शुरू करेगा, जैसा कि शून्य-रेटेड आपूर्ति के चलते जोखिम आधारित प्रोविजनल रिफंड के मामले में होता है।

B. व्यापार को सुविधाजनक बनाने के उपाय
- प्रक्रिया में सुधार
- जीएसटी परिषद् ने व्यापार को सुविधाजनक के लिए कई निर्णय लिए हैं और विभिन्न उपायों की सिफारिश की है। जीएसटी कानून और प्रक्रिया से संबंधित प्रक्रिया सुधार और अन्य उपाय अनुलग्नक-V में दिए गए हैं। इन प्रक्रिया सुधारों के कार्यान्वयन की तारीख यथासमय अधिसूचित की जाएगी।
- वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) का संचालन
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) सितंबर के अंत से पहले अपील स्वीकार करने के लिए चालू हो जाएगा और इस वर्ष दिसंबर के अंत से पहले सुनवाई शुरू कर देगा। परिषद् ने लंबित अपीलों को दायर करने की समय-सीमा के लिए 30.06.2026 की तारीख की भी सिफारिश की। जीएसटीएटी की प्रधान पीठ एडवांस रूलिंग के लिए राष्ट्रीय अपीलीय प्राधिकरण के तौर पर भी कार्य करेगी। ये उपाय विवाद समाधान के लिए एक मजबूत तंत्र प्रदान कर, अग्रिम निर्णयों में एकरूपता सुनिश्चित करके और करदाताओं को अधिक निश्चितता प्रदान करके जीएसटी के संस्थागत फ्रेमवर्क को विशेष रूप से मजबूत करेंगे। इससे जीएसटी व्यवस्था के अंतर्गत भरोसा, पारदर्शिता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ेगा।
