काव्य प्रांगणसाहित्य
News Leaders : साहित्य_ काव्य प्रांगण
साहित्य_ काव्य प्रांगण
“उसके हाथ
अपने हाथ में लेते हुए मैंने सोचा
दुनिया को
हाथ की तरह गर्म और सुंदर होना चाहिए“
◇ _केदारनाथ सिंह, रचनाकार
“उसके हाथ
अपने हाथ में लेते हुए मैंने सोचा
दुनिया को
हाथ की तरह गर्म और सुंदर होना चाहिए“
◇ _केदारनाथ सिंह, रचनाकार