News Leaders : सुनो सरकार, क्या कह रही नेत्री मेधा पाटकर, नई शराब नीति को लेकर क्यूं दिखी महिलाएं सड़कों पर
सुनो सरकार, क्या कह रही नेत्री मेधा पाटकर, नई शराब नीति को लेकर क्यूं दिखी महिलाएं सड़कों पर
“क्योंकि घर-घर खुल जायेगे बार, इसलिए किया नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने किया आबकारी विभाग का घेराव, इससे किसे होगा मुनाफा, कौन होगा परेशान?”
बड़वानी : न्यूज़ लीडर्स
शनिवार को सुबह 11 बजे से दोपहर तक पुराना कलेक्टोरेट में नर्मदा बचाओं आंदोलन के कार्यक्रताओं ने धरना प्रदर्शन किया। बाइक रैली के रुप में कार्यक्रतागण आबकारी कार्यालय पहुंचे। वही आबकारी विभाग का घेराव किया।
“जिला अधिकारी दीपक अवस्थी से सवाल-जबाव किए। साथ ही मांग की है कि गांवों में बिक रही शराब को बंद किया जाए। वहीं जिला अधिकारी का कहना था कि आप लोग सूचना दे। हमारी टीम मौके पर जाकर कार्रवाई करेगी।”
▪︎आंदोलनकारियों ने अवैध शराब को लेकर लगाये आरोप.》
नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने मप्र सरकार की नई शराब नीति की जमकर खिलाफथ की, कहा नई शराब नीति से घर-घर शराब के बार खुल जायेंगे। घरों में शराब रखने की मात्रा भी बढ़ाई गई है।
वही नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ताओं ने जिले में सबसे ज्यादा नर्मदा घाटी में अवैध शराब का कारोबार होने का आबकारी अधिकारियों को जानकारी दी। इस दौरान अधिकार अनजान बनते नजर आए। हकीकत ये है कि नर्मदाघाटी में नर्मदा किनारे जगह-जगह कच्ची शराब बनाने की भटि्टयां सुलगती है। इन पर नाममात्र की ही कार्रवाई की जाती है।
▪︎और अंत में.》
नबआं प्रमुख मेधा पाटकर ने बताया नर्मदा घाटी सहित जिले के गांव-गांव में कच्ची-पक्की शराब बिक रही है। शराब के कारण कई परिवार उजड़ गए।
कई महिलाएं विधवा हो गई। कई बच्चे अनाथ हो गए। आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से शराब माफिया गांव-गांव में शराब बेच रहे है। अब शराब की गिरफ्त में नाबालिग बच्चे भी आ रहे हैं।