
Railway Kavach : रेल दुर्घटना पर काबू, आमने-सामने आईं दो ट्रेनें, एक में रेल मंत्री सवार, फिर भी क्यों नहीं हुई टक्कर?
“कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देगा, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी”
राष्ट्रीय : न्यूज़ लीडर्स

स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का परीक्षण 4 मार्च को सिकंदराबाद में किया गया। इस दौरान दो ट्रेनों को पूरी गति के साथ एक दूसरे से भिड़ाया गया। लेकिन दोनों ट्रेनों की टक्कर नहीं हुई। इस परीक्षण के दौरान एक ट्रेन में खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सवार थे। वहीं दूसरे में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत अन्य बड़े अधिकारी बैठे हुए थे।
भारत में ट्रेन के लिए कवच तकनीक विकसित की है। एक ही दिशा से आने वाली ट्रेनों का पता चलने पर कवच स्वचालित रूप से ब्रेक लगा देगा। अगर दो ट्रेनें आगे-पीछे हैं तो दुर्घटना से बचने से कवच तकनीक पीछे वाली ट्रेन की गति स्वत: कम कर देगा।

कवच को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। ‘जीरो एक्सीडेंट’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली का निर्माण किया गया।
