NLS स्पेशलखास-खबरनिमाड़ खबरन्यूज़मध्यप्रदेशराजकाजराष्ट्रीयलाईव चेनल

NEWS Leaders : खरगोन जिले में एक साथ दो जगह पर गिरी स्कूल की छत, बड़ी दुर्घटना से बाल-बाल बचे विद्यार्थी

जर्जर भवन के गिरने के डर से झोपड़े और पंचायत भवन में संचालित हो रहा है स्कूल, शिकायत के बाद भी नहीं दिया जा रहा ध्यान, ग्रामीणों ने लगाए आरोप

न्यूज लीडर्स : खरगोन से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट

‘स्कूल चले अभियान पढ़ने के बजाय स्कूलों की हालत देखने चले हम’ तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आएगी।
वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री राज्य में शिक्षा व्यवस्थाओं को सरल एवं सुगम बनाने के उद्देश्य से करोड़ों की लागत से सैकडों ‘सीएम राइस स्कूल’ का निर्माण करा रही है और दावे कर रही है की हर गरीब का बच्चा मुफ्त में हाईटेक शिक्षा ग्रहण करेगा।

लेकीन उनके इन दावों को खोखला कर देने वाला वाकया खरगोन के आदिवासी बाहुल्य अंचलों में देखने को मिल रहा है। जिले में कई जगह ग्रामीण क्षेत्रों में स्कुल भवनों की अत्यंत ही जर्जर और गिरने की हालत हो गई पर इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी गहरी नींद में सो रहे है।

“रविवार को जहां जिले के झिरन्या ब्लाक में एक स्कूल की छत भरभरा कर गिर गई तो वहीं भगवानपुरा विकासखंड के ग्राम जमुनिया पानी में स्कूल की हालत काफी जर्जर हो चुकी है दीवारों से प्लास्टर गिर रहा है व छत का एक हिस्सा नीचे गिर चुका है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।”

▪︎》》बात करते है, भगवानपुरा और  झिरन्या के जर्जर स्कूलों की.》》

झिरन्या ग्राम की स्कूल को जहां पंचायत भवन में संचालित किया जा रहा है तो वहीं भगवानपुरा के स्कूल को एक झोपड़े में लगने को शिक्षक मजबूर है। अभिभावक आपने बच्चो को लेकर चिंतित और परेशान है।

“स्कूल चले हम अभियान” के अंतर्गत जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा सभी बच्चों को स्कूल जाने का आवाह्न किया जा रहा है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में भवन अपनी बदहाली के आँसू बहा है। ज़िम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण स्कूल के बच्चे अपनी जिंदगी को खतरे में डाल कर पढ़ने को मजबूर है।

▪︎》》क्या कहते है गांव वाले,! सुनिए उनकी जुबानी.》》

भगवानपुरा के जमुनिया पानी के स्कूल शिक्षक ने बताया कि हमने स्कूल चलाने के लिए एक दूसरे व्यक्ति के घर में आसरा लिया हुआ है और अभी हम वहीं स्कूल संचालित कर रहे हैं। वही ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार भगवानपुरा बी.ई.ओ एवं बी.आर.सी को आवदेन दिए परंतु सुनवाई नहीं हो रही है।

ग्रामीण जगदीश ने बताया कि स्कूल की छत रात के समय गिरी गई अगर दिन में गिरती तो बच्चों के साथ अनहोनी घटना घट सकती थी। इस प्रकार जिले में झिरन्या के लखापुर गांव में स्थित मिडिल स्कूल की हालत काफी दयनीय है। यहां बच्चे टपकती छत में घुटने तक पानी के बीच पड़ने को मजबूर है।

कुछ दिन पहले ही यहां स्कूल की छत भरभराकर गिर गई। गनीमत है की बच्चे बाल बाल बच गए। यहां के अध्यापको के अनुसार वे कई बार जनपद के बीआरसी को अवगत करा चुके है।  मगर अभी तक कोई भी ज़िम्मेदार मौका स्थल पर नही पहुंचे है। ऐसा लगता है वह किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है।

News Leaders

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Don`t copy text!