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NEWS Leaders : खरगोन में क्रांतिसूर्य टंटया भील, गुना में तात्या टोपे और सागर में रानी अवंतीबाई  विश्वविद्यालय होगें प्रारंभ

● मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया का अनुमोदन.
● शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही परिचालन होगा.
● कुल सचिवों का प्रभार सौपने संबंधी आदेश जारी.

खरगोन : हासम खत्री न्यूज लीडर्स

खरगोन में नवीन क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय शुरू होगा। राज्य शासन ने आदेश जारी कर विश्वविद्यालय की स्थापना एवं सत्र 2024-25 से ही इसके परिचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।

मंत्री-परिषद की 13 फरवरी को होने वाली बैठक में अनुमोदन प्रस्ताव प्रस्तुत किया जायेगा। अनुमोदन के बाद चालू विधानसभा सत्र में इसे पारित कर अधिनियम के रूप में अधिसूचित करते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना विधिक रूप से म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के अंतर्गत की जाएगी।

▪︎》》प्राध्यापक डॉ. चौहान को कुलसचिव का प्रभार. 》》

शासन ने शासकीय स्नातकोत्तमर महाविद्यालय खरगोन के अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. जी.एस. चौहान को वर्तमान कर्त्तव्यों के साथ विश्वविद्यालय खरगोन के कुलसचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौपने संबंधी आदेश भी जारी कर दिये है।

▪︎》》विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में 5 जिलें होंगे.》》

क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय खरगोन के क्षेत्राधिकार में 5 जिले रहेंगे। इसमें खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर तथा अलीराजपुर जिले के 83 महाविद्यालय सम्बद्ध होंगे। इससे 25 हजार 500 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। उपरोक्त जिलों के उक्त महाविद्यालय देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की संबद्धता से मुक्त होंगे।

विश्वविद्यालय की स्थापना शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खरगोन का उन्नयन कर की जा रही है। सत्र 2024-25 से इस विश्वविद्यालय का परिचालन उक्त महाविद्यालय के भवन एवं परिसर का उपयोग कर प्रारंभ कर दिया जाएगा।

“राज्य शासन ने गुना में तात्या टोपे विश्वविद्यालय, सागर में रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय और खरगोन में क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय की स्थापना एवं नवीन शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही इसके परिचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। शासन ने तीनों ही नवीन विश्वविद्यालयों के लिये कुल सचिवों का प्रभार सौपने संबंधी आदेश भी जारी कर दिये है।”

▪︎》》भवन निर्माण में लगभग 200 करोड़ रूपये का होगा व्यय.》》

विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में लगभग 200 करोड़ रूपये का व्यय भार आएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदण्ड अनुसार इन विश्वविद्यालयों के लिए शैक्षणिक पद सृजित किए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अपेक्षानुसार विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के नवीनतम क्षेत्रों के लिए पाठयक्रम प्रारंभ हो, शिक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए।

▪︎》》और अंत में.》》

यह दृष्टिगत करते हुए कि यह विश्वविद्यालय जनजातीय क्षेत्र में है, विद्यार्थियों के कौशल उन्नयन के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

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