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Azadi Ka 75th Amrit Mahotasaw_ NEWS Leaders : आज़ादी के दीवाने, दो भाईयों ने मिलकर जलाई स्वाधीनता की मशाल

आज़ादी के दीवाने : दो भाईयों ने मिलकर जलाई स्वाधीनता की मशाल, बड़े भाई से मिली प्रेरणा

न्यूज़ लीडर्स : खरगोन

हम ऐसे गुजरे वक्त की बात कर रहे है जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था। आज़द तो सभी होना चाहते थे पर अंग्रेजों के दमन का डर बना रहता था, देश की आज़ादी के दीवानों में खरगोन जिले के दो ऐसे भाई है जिन्होंने अपना जीवन स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित किया और अंग्रेजों के दमन से नहीं डरे। हम बात कर रहे है खरगोन जिले के दो भाइयों की स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दास्तान की,

▪︎गजाननजी सोनी का प्रेरणादायी जीवन.》

पहले आपको बताते है बड़े भाई श्री गजानंदजी सोनी की, जो शिक्षा पूरी करने के बाद राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय हो गए। ब्रिटिश सरकार के कड़े रवैये के कारण आपने भूमिगत होकर आंदोलन चलाया। देश की आज़ादी की दीवानगी श्री गजाननजी सोनी पर  इस कदर रही कि उन्होनें अपने छोटे भाई श्री मांगीलाल सोनी को भी स्वतंत्रता आंदोलन के लिए प्रेरित किया।

श्री सोनी जी खरगोन नगरपलिका के अध्यक्ष के अलावा जिला कांग्रेस कमेटी खरगोन के अध्यक्ष भी कई वर्षो तक रहे। आपका प्रतिमा खरगोन बस स्टैंड के पास आपके सम्मान में लगाई गई है। इनका जन्म 7 जनवरी 1920 को मण्डलेश्वर में श्री केशवजी सोनी के घर हुआ। इन्होंने प्राथमिक शिक्षा मण्डलेश्वर में पूरी करने के बाद होलकर कॉलेज इंदौर से एलएलबी की।

▪︎आज़ादी की दीवानगी ने छोटे भाई को आंदोलन से जोड़ा.》

9 सितंबर 1930 को जन्मे श्री मांगीलाल सोनी स्वतंत्रता आंदोलन में अपने बड़े भाई श्री गजाननजी सोनी से प्रेरित होकर सक्रिय हो गए। जब 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन प्रारम्भ हुआ तो आप 1942 से 1943 तक भूमिगत होकर अंग्रेजो के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाते रहे। आपने विदेशी कपड़ो की होली जलाई और स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग के लिए जनता में जागृति लाने के कार्य किये।

▪︎और अंत में.》

आज़ादी के ऐसे दीवानों को न्यूज़ लीडर्स की ओर से शत-शत नमन

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