NEWS Leaders : अब तक 32 जिला अध्यक्ष घोषित, तीसरी सूची में 2 रिपीट के साथ 12 अध्यक्ष नियुक्त, दिग्गज नेताओ की पसंद को मिला महत्व

NEWS Leaders : अब तक 32 जिला अध्यक्ष घोषित, तीसरी सूची में 2 रिपीट के साथ 12 अध्यक्ष नियुक्त, दिग्गज नेताओ की पसंद को मिला महत्व
न्यूज लीडर्स भोपाल
भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक चुनाव में मप्र में तीसरी सूची जारी की है। जिसे मिलाकर अब तक 32 जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान हो गया है। अब शेष 30 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा होना बाकी है।

“इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर ओर झाबुआ के जिलाध्यक्ष की घोषणा नहीं होने के कई सियासी अर्थ निकाले जा रहे है।”
तीसरी सूची में कटनी और बालाघाट के जिलाध्यक्षों को दोबारा अवसर मिला है, जिसे मिलाकर अभी 11 जिलाध्यक्षों को रिपीट किया गया है।


●》तीसरी सूची में घोषित किये गए नाम.》》
●》ग्वालियर नगर : जयप्रकाश राजोरिया
●》सिंगरौली : सुंदर शाह
●》जबलपुर नगर : रत्नेश सोनकर
●》कटनी : दीपक टंडन सोनी
●》सागर ग्रामीण : रानी पटेल कुशवाह
●》शाजापुर: रवि पांडे
●》बालाघाट: राम किशोर कंवारे
●》अनूपपुर: हीरा सिंह श्याम
●》दतिया : रघुवीर शरण कुशवाह
●》डिंडोरी: चमरू नेताम
●》सागर : श्याम तिवारी
●》दमोह : श्याम शिवहरे

●》क्षत्रपों की पसंद से भी बने जिला अध्यक्ष.》》
जिला अध्यक्षों के चयन में मुख्यमंत्री डाॅ.मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद को महत्व दिया गया है। मुख्यमंत्री के गृह जिला के उज्जैन शहर और ग्रामीण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। विदिशा में शिवराज सिंह चौहान की पसंद को कमान दी गई है। वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र खजुराहो में आने वाले पन्ना और छतरपुर में दोनों अध्यक्षों को रिपीट किया गया है। शिवपुरी में सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए जसमंत जाटव को जिला अध्यक्ष बनाया गया है, जिन्हें 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था।

●》भाजपा के संगठनात्मक संविधान को किया दरकिनार.》》
भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक पर्व में हो रहे चुनाव में मप्र में संगठन संविधान के विपरीत भी नियुक्तियों में असर देखा गया है। सागर जिले में भाजपा की गुटबाजी के चलते जिले का विभाजन कर के आपसी गुटबाजी पर विराम लगाने की कोशिश की है। भाजपा संविधान के मुताबिक जनसंख्या के आधार पर सागर में दो जिलाध्यक्ष नहीं बना सकते थे। वहीं शिवपुरी जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पसंद के लिए पार्टी संविधान को नजरअंदाज किया है।
