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NEWS Leaders : न्यायालय के आदेश से चिकित्सकों की वापसी, कोरोना काल में हुई थी नियुक्तियां

न्यायालय के आदेश से चिकित्सकों को वापस लेने का रास्ता हुआ साफ़, कोरोना काल में हुई थी नियुक्तियां

पानसेमल से सतीश केवट के साथ राजेश नाहर

कोरोना महामारी के दौरान शासन द्वारा आयुष चिकित्सकों की सेवाएं दी गई थी। जिनके द्वारा चिकित्सालय, कोविडकेयर सेंटर में इस महामारी के दौरान सेवाएं एक योद्धा की तरह देते हुए कई लोगों के प्राण बचाने में सक्षमता से अपना कार्य किया। लेकिन 28 मार्च 22 को उन्हें सेवा से अचानक ही पृथक करने के आदेश दिए गए।

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जिसके चलते डॉ सागर दुबे, डॉ अमर किराड़े, डॉ संदीप पाटिल, डॉ रवि पवार, डॉ रोहित भंवर, डॉ कोमिता राठौड़ द्वारा शासन के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई। याचिकाकर्ताओं के वकील सुभाष उपाध्याय की पैरवी के बाद उच्च न्यायालय ने इस संबंध में अंतरिम आदेश पारित करते हुए

मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग प्रमुख सचिव, संचालक NHRM, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में इस बाबत कार्रवाई प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और आगामी सुनवाई होने तक चिकित्सकों की सेवाएं वापस लिए जाने के लिए अंतरिम आदेश जारी किया है।

क्या कह रहे है चिकित्सक

उच्च न्यायालय का अंतिरम आदेश के साथ ही आयुष चिकित्सकों को सेवा में लेने का रास्ता साफ हो गया। डॉ सागर दुबे ने अपने साथियों सहित उच्च न्यायालय के निर्णय पर खुशी जाहिर की है बताया कि आयुष चिकित्सकों ने भी चिकित्सकों के साथ रह कर के कोरोना योद्धाओं की तरह काम किया।

जिसके लिए विभिन्न संस्थाओं ने उनका भी सम्मान किया है। किंतु शासन में अचानक हटाने के फैसले के बाद न्यायालय के आदेश के साथ सेवा में लिए जाने का अवसर मिल रहा है।

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