NEWS Leaders : “पहले खराब रोड सुधारों फिर लो टोल टैक्स” नहीं तो टोल टैक्स बंद करो
NEWS Leaders : “पहले खराब रोड सुधारों फिर लो टोल टैक्स” टोल टैक्स बंद की उठी मांग,
न्यूज लीडर्स : सेंधवा
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 03 जो कि म.प्र. से महाराष्ट्र को जोड़ता है इस फोरलेन सड़क के बिजासन से धुलिया तक का हिस्सा अनेको स्थान पर क्षतिग्रस्त हो चुका है। अतः इसका मरम्मत कार्य प्रारंभ करवाते हुए कार्य पुरा न होने तक टोल की वसुली बंद करवाए जाने की मांग की गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता बी.एल. जैन ने इस मामले को लेकर देश के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गड़करी को ई-मेल द्वारा पत्र प्रेषित कर इसकी प्रतिलिपीयां सचिव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय व चेयरमेन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नई दिल्ली को भी प्रेषित कर अवगत कराया गया है।
●》》बिजासन से धुले तक है रोड अत्यधिक खराब.》》
इंदौर से मुम्बई वाले हिस्से मे म.प्र. एवं महाराष्ट्र की सीमा बिजासन से धुलिया तक का लगभग 85 कि.मी. मार्ग जिसमें विषेष रूप से बिजासन से हाड़ाखेड़ के मध्य के अलावा अनेक स्थानो से क्षतिग्रस्त हो चुका है।
●》》लापरवाह ठेकेदार पर लगे आरोप.》》
लेकिन ठेकेदार कंसेष्नायर द्वारा इस मामले मे प्रारंभ से ही लापरवाही बरती जा रही है। जिससे आम जनता को पुरा टोल टेक्स देने के बाद भी खराब फोरलेन सड़क पर आवागमन के कारण वाहनो की नुकसानी तो होती ही है, गति भी बाधित होती है एवं अनेक बार दुर्घटनाओं मे कई लोगो को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। अभी बारिश का दौर प्रारंभ हो चुका है ऐसी स्थिती मे वाहन चालको को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
श्री जैन ने पत्र मे लिखा है कि आप अपनी बेबाकी एवं निष्पक्षता के कारण आम जनता मे आपकी छवि एक राजनेता की नही एक सर्वमान्य जनसेवक की है।
“एक कार्यक्रम के दौरान आपने कहा था कि ‘‘सड़के खराब तो टोल टेक्स कैसा’’ यह बात आपने आम जनता के मन की कही है”
यह बात बयानो तक ना सीमित रह जाए इसलिए इस मामले मे त्वरित कार्यवाही नितांत आवश्यक है। श्री जैन ने पत्र मे अनुरोध किया है कि उक्त मार्ग की यह जांच होना चाहिये कि उक्त मार्ग पर कंसेष्नायर द्वारा अनुबंध की शर्तो के मुताबिक कितने वर्षो मे इसका नवीनीकरण करना चाहिये था क्या उनके द्वारा निर्धारित समयावधि मे इसका नवीनीकरण करवाया गया ? इसी तरह सड़क का सतत् मरम्मत कार्य होना चाहिये क्या वह हो रहा है ?
यदि नही हो रहा है तो कंसेष्नायर के साथ ही संबंधित प्रोजेक्ट डायरेक्टर एवं इसकी निगरानी करने वाले जवाबदार अधिकारी भी इसके लिए दोषी है। इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर यदि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी एवं सड़क का कार्य अनुबंध अनुसार नही होने तक टोल वसुली रोकी जावेगी तभी आपके द्वारा कही गई बात का औचित्य है।