“बच्चियों की ओर से सुनील झा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें आपत्तिजनक हरकतें जैसे कमर में हाथ डालना, बालों को सूंघकर सवाल करना, सिर पर किस करना, पीरियड्स और पैड्स के बारे में सवाल करना और जबरदस्ती गले लगाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो के तहत कार्रवाई की जा रही है।”
न्यूज लीडर्स : झाबुआ
झाबुआ एसडीएम सुनील कुमार झा के खिलाफ झाबुआ थाने में मंगलवार को मुकदमा दर्ज हुआ।मंगलवार दोपहर को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय झाबुआ में पेश किया।
उन पर आरोप लगा है कि रविवार को दोपहर चार बजे वे झाबुआ के नवीन आदिवासी कन्या आश्रम निरीक्षण के लिए अचानक पहुंच गए थे और वहां उन्होंने तीन नाबालिग आदिवासी कन्याओं के साथ अश्लील हरकतें की थी।
सोमवार को झाबुआ कलेक्टर ने इस मामले में इंदौर कमिश्नर को उन्हे निलंबित करने की अनुशंसा भेजी और झा को तत्काल निलंबित करते हुए बुरहानपुर अटैच कर दिया गया।
SC/ST और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद झाबुआ के डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा को निलंबित किया गया। झाबुआ SDM सुनील कुमार झा को पुलिस ने किया गिरफ्तार, स्पेशल न्यायालय में किया पेश।
▪︎》》कांग्रेस के निशाने पर शिवराज सरकार.》》
कांग्रेस ने इस मामले में राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मोर्चा संगठनों की प्रभारी शोभा ओझा ने कहा, ‘सत्ता के दंभ में भाजपा के कार्यकर्ता तो आदिवासियों के चेहरों पर पेशाब कर ही रहे हैं, अब शिवराज सरकार के अधिकारी भी आदिवासियों को अपना सॉफ्ट टार्गेट बना रहे हैं। हद तो यह हो गई है कि अपनी हैवानियत के चलते अब उन्होंने छोटी बच्चियों को भी निशाने पर ले लिया है। एनसीआरबी की रिपोर्टे तो वर्षों से मध्य प्रदेश में आदिवासी अत्याचार की लज्जाजनक गाथाएं गाती आ रही हैं लेकिन एकाएक आदिवासी अत्याचार की घटनाओं में जो विस्फोटक तेजी का दौर अब शुरू हुआ है, वह बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है।’