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दलबदल के बाद भी विधायक बने हुए है सचिन बिर्ला, भाजपा में जाने के बाद भी सदन में कांग्रेसी MLA कहलाएगें

दलबदल के बाद भी विधायक बने हुए है सचिन बिर्ला, भाजपा में जाने के बाद भी सदन में कांग्रेसी MLA कहलाएगें

भोपाल : न्यूज़ लीडर्स

कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले मध्य प्रदेश के विधायक सचिन बिरला की सदस्यता आज भी बरकरार है। दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने उनकी सदस्यता निरस्त करने संबंधी कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में आगामी बजट सत्र में सचिन बिरला विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के साथ ही बैठेंगे।

भाजपा की और से जारी विडीयो

वहीं कांग्रेस ने भी स्पष्ट कर दिया है की पार्टी से बगावत करने वाले खरगोन जिले की बड़वाह विधान सभा से विधायक सचिन बिर्ला को सदन में कांग्रेस अपने साथ नहीं बैठाएगी।

▪︎मामला क्या है जानिये.》

मध्य प्रदेश के विधायक सचिन बिरला की सदस्यता आज भी बरकरार है। दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने उनकी सदस्यता निरस्त करने संबंधी कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में आगामी बजट सत्र में सचिन बिरला विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के साथ ही बैठेंगे।

विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह के मुताबिक सचिन बिरला की सदस्यता निरस्त करने संबंधी कांग्रेस का आवेदन अभी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के पास विचाराधीन है। सदस्यता निरस्त करने से पहले विधानसभा अध्यक्ष बिरला को उनका पक्ष रखने के लिए बुलाएंगे। उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। बजट सत्र में उनकी सदस्यता पर फैसला होने तक वे कांग्रेस विधायकों के साथ ही पूर्व निर्धारित स्थान पर ही बैठेंगे।

“डॉ नरोत्तम मिश्रा कह रहे है, सदन में कौन व्यक्ति कहां बैठेगा इसका निर्णय विधानसभा अध्यक्ष ही करते हैं।”

सचिन बिर्ला को लेकर क्या कह रहे है डॉ मिश्रा

▪︎कांग्रेस ने सचिन बिर्ला को अपने साथ बैठाने से किया इंकार.-》

खंडवा लोकसभा उपचुनाव के समय पार्टी से बगावत करने वाले बड़वाह से विधायक सचिन बिरला को कांग्रेस विधानसभा में अपने साथ नहीं बैठाएगी। सदन की बैठक व्यवस्था में कोई परिवर्तन प्रस्तावित न कर विधायक दल ने विधानसभा सचिवालय को इसकी सूचना भी दे दी है। बिरला की सदस्यता समाप्त करने के लिए कांग्रेस की ओर से आवेदन भी दिया गया था लेकिन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम तकनीकी आधार पर इसे निरस्त कर चुके हैं।

कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा.गोविंद सिंह ने पत्र लिखकर पिछले सत्र की बैठक व्यवस्था को ही बरकरार रखने की बात कही है। इससे साफ हो गया है कि सचिन बिरला को पार्टी अपने सदस्यों के साथ नहीं बैठाएगी क्योंकि पिछले सत्र में भी उनका नाम दल की ओर से नहीं आया।

▪︎क्या कहता है विधान सभा सचिवालय.》

विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस भले ही सदन में उन्हें अपने साथ बैठाए या न बैठाए, इससे सचिन बिरला की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। वे तब तक कांग्रेस दल के ही सदस्य माने जाएंगे, जब तक की सदस्यता के संबंध में कोई निर्णय नहीं हो जाता है। जहां तक सदन में स्थान देने की बात है तो इस संबंध में निर्णय अध्यक्ष करेंगे। पिछली बार भी उन्हें अलग स्थान दिया था।

▪︎और अंत में.》

गौरतलब है, बीते साल अक्टूबर में हुए उपचुनाव के दौरान बीजेपी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए विधायक सचिन बिरला को मंच पर अपने साथ कर लिया था। बिरला ने चुनाव के ठीक चार दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज के समक्ष बीजेपी जॉइन की थी। इसके बाद उन्होंने बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार भी किया था। लेकिन विधानसभा सचिवालय के रिकॉर्ड में वे आज भी कांग्रेस विधायक बने हैं और विधायक की सभी सुविधाएं ले रहे हैं। जबकि दल बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता खत्म होना चाहिए।

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