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कैलाशजी का लेटर बम, पं.प्रदीप मिश्रा की कथा पर सियासी माथापच्ची, कमलनाथ मैदान में, भाजपा में भी विरोधी स्वर

कैलाशजी का लेटर बम, पं.प्रदीप मिश्रा की कथा पर सियासी माथापच्ची, कमलनाथ मैदान में, भाजपा में भी विरोधी स्वर

▪︎पहले जिले सीहोर में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा रोकी.
▪︎फिर गृहमंत्री ने पंडित जी को किया वीडियो कॉल.
▪︎फिर पूर्व CM कमलनाथ का घटना पर ऐतराज.
▪︎अब CM को कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा पत्र.

“सिहोर में कथा वाचक प्रदीप मिश्रा की कथा रोकने पर प्रशासन के ख़िलाफ़ भाजपा के कद्दावर नेता कैलाशजी ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर ऐतराज जताया, भारी भीड़ के कारण सात दिन की कथा पहले ही दिन ख़त्म करनी पड़ी थी”

न्यूज़ लीडर्स डेस्क

सीहोर रुद्राक्ष महोत्सव कांड में भारतीय जनता पार्टी के भीतर सीहोर कलेक्टर के खिलाफ आवाजें बुलंद होने लगी हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा के प्रथम पंक्ति के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सीहोर कलेक्टर की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि रुद्राक्ष महोत्सव में जो कुछ हुआ वह लापरवाही नहीं बल्कि सरकार को बदनाम करने की साजिश थी। 

कैलाश विजयवर्गीय ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव होने के नाते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस मामले में ना केवल पत्र लिखा है बल्कि उसे सार्वजनिक भी किया है।

“आखिर कौन सी विपदा आ गई थी, रुद्राक्ष महोत्सव रोकने पर भड़के कैलाश विजयवर्गीय,
BJP के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, सीहोर में आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव को रोके जाने को लेकर जताई नाराजगी, बोले- कभी इज्तिमा पर रोक क्यों नहीं लगता”

▪︎लेटर बम, निशाने पर शिवराज सरकार.》

मध्य प्रदेश के सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस की आपत्ति के बाद अब खुद बीजेपी नेताओं ने भी शिवराज सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। मंगलवार शाम बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले पर सीएम चौहान को पत्र लिखकर कई सवाल खड़े किए हैं।
सीएम को संबोधित पत्र में कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा की, ‘सीहोर में जो कुछ हुआ उसे देख सुन कर अत्यंत पीड़ा और वेदना पहुंची। सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचा है। विगत 17 वर्षों से आप इस प्रान्त के मुखिया है। आखिर ऐसी कौनसी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा। भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है। लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्रियों को जाम में फंसना भी पड़ता है। लेकिन ऐसा कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा रोक दिया गया हो।

पं. प्रदीप मिश्राजी हुए भावुक

कैलाश विजयवर्गीय के आगे लिखा कि, ‘क्या सीहोर का प्रशासन इतना नाकारा था कि इस आयोजन की सूचना होने के बावजूद व्यवस्था जुटाई नहीं जा सकी? क्या जिम्मेदार अधिकारी इतने अदूरदर्शी थे कि वो भांप नहीं सके कि 11 लाख रुद्राक्ष का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं की आवाजाही भी रहेगी? क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि वो इतना बड़ा निर्णय कर ले? शिवराज जी ऐसे अनगिनत सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं।’

विजयवर्गीय आगे लिखते हैं कि, ‘ये आपकी ही दूरदर्शिता थी कि अल्प समय में कुंडलपुर में आयोजित पंच कल्याणक महोत्सव इस सदी का अभूतपूर्व आयोजन रहा आपके ही कार्यकाल में सिंहस्य जैसा भव्य और दिव्य आयोजन हुआ। शिवराज जी सीहोर के अकर्मण्य प्रशासन के कारण आपकी छवि पर भी असर पड़ रहा है। आपको यह सब अवगत कराने में भी कष्ट और पीड़ा हो रही है। सीहोर का प्रशासन इस तरह से निकृष्ठ साबित होगा ये कल्पना से परे है।’

कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा है कि, ‘हम तो शिव के अनुगासी है भगवान शिव ने जैसे विषपान किया वैसे हम भी कर लेंगे। किंतु शिवरात्रि के महापर्व पर देश भर से आए शिव भक्तों की क्या गलती थी गलती तो शुद्ध रूप से सीहोर प्रशासन की है। सीहोर प्रशासन को जाकर श्री प्रदीप मिश्रा जी से माफी मांगना चाहिए और कथा पुनः प्रारंभ हो होना चाहिए। मेरी दृष्टि में शिवराज के राज में प्रशासन की गलती की सजा शिवभक्त क्यों भुगते? मुझे विश्वास है आप प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे तथा कथा पुनः प्रारंभ हो ऐसा प्रयास कराएंगे।’

▪︎गृह मंत्री ने कांग्रेस पर किया पलटवार.》

धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले कमलनाथ जी से निवेदन है कि प्रतिनिधि मंडल जनसेवा के काम के लिए बनाएं, धर्म पर राजनीति के लिए नहीं। महाराज पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने भी स्वयं कहा है कि धर्म के कार्य में राजनीति नहीं होनी चाहिए

देखिये वीडियो

दरअसल, राजधानी भोपाल से सटे सीहोर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन होना था। इस महोत्सव के लिए पिछले पंद्रह दिनों से तैयारियां जोरों शोरों पर थीं। आयोजन के दिन सुबह से ही पंडाल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भोपाल इंदौर स्टेट हाईवे के दोनों तरफ भी जाम लग गया। इसी बीच पंडित प्रदीप मिश्रा ने अचानक ही अपने महोत्सव को स्थगित करने का ऐलान कर दिया। कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने भावुक होकर श्रद्धालुओं को बताया कि प्रशासन के दबाव में उन्हें अपने महोत्सव को रोकना पड़ रहा है। इसके बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ता जा शुरू रहा है।

कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि भोपाल में प्रतिवर्ष भोपाल इज्तिमा का आयोजन होता है और उसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्री ट्रैफिक जाम का शिकार हो जाते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं सुनाई दिया कि भोपाल इज्तिमा रोक दिया गया हो। क्या सीहोर का प्रशासन इतना नाकारा था कि आयोजन की सूचना होने के बावजूद ट्रैफिक कंट्रोल नहीं कर पाया। इंदौर

▪︎कांग्रेस भी विरोध में, शिवराज सरकार के खिलाफ उतरी.》

इस विवाद में पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा के पक्ष में सामने आये, उन्होने कहा की,

“एक कथावाचक को आँखो में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिये कुछ और हो नही हो सकता है,
जो ख़ुद को धर्मप्रेमी बताते है यह है उनकी सरकार की हक़ीक़त। बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज़ , प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ।”

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