राजकाज

NEWS Leaders : ये रिश्ता क्या कहलाता है, केन्द्रीय जेल बड़वानी में 1050 बंदी कैदियों को बहनों ने बांधी राखी, जेल में मनाया रक्षाबंधन

NEWS Leaders : केन्द्रीय जेल बड़वानी में 1050 बंदी कैदियों को बहनों ने बांधी राखी, जेल में मनाया रक्षाबंधन

बड़वानी : न्यूज लीडर्स

केन्द्रीय जेल बड़वानी में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्षाबंधन का पावन पर्व हर्षाेल्लास, सौहार्द एवं गरिमापूर्ण वातावरण में मनाया गया।

“रक्षाबंधन पर्व के दौरान लगभग 1050 बहनों ने अपने बंदी भाइयों की कलाइयों पर राखी बाधकर उनके दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं सुख-समृद्धि की कामना की”

●》रक्षाबंधन पर्व पर जेल में मिले बंदियों से उनके परिवारजन.》》

रक्षाबंधन के प्रातः से ही जेल परिसर में विशेष चहल-पहल रही। इस अवसर पर केन्द्रीय बड़वानी में निरूद्ध बंदियों को उनकी बहनों द्वारा, जेल परिसर में उपस्थित होकर, राखी बांधी गई। बहनों के माथ-साथ 12 वर्ष से कम आयु के बच्चो को भी अपने बंदी अभिभावरों में खुली मुलाकात की अनुमति प्रदान की गई, जिससे छोटे बचों को भी अपने पिता, भाई या परिजन के साथ कुछ समय बिताने का अवसर मिला।

●》जेल प्रशासन ने जेल में की रक्षाबंधन मनाने की तैयारियां.》》

जेल प्रशासन ने आगंतुक बहनों के स्वागत हेतु निःशुल्क पूजन की थालियां सम्मान के साथ उपलब्ध कराई। पर्व के अनुरूप, जेल परिसर में ही बंदियों द्वारा निर्मित राखियाँ, विभिन्न प्रकार के मिष्ठान, काष्ठशिल्प तथा अन्य हस्तशिल्य वस्तुओं का विक्रय केंद्र स्थापित किया गया। इस व्यवस्था में आगंतुक बहनों को आवश्यक सामग्री रियायती दरों पर यही उपलब्ध हो सकी और साथ ही बंदियों की कला एवं कौशल को भी प्रोत्साहन मिला। पर्व के लिए एक दिन पूर्व में ही जेल प्रशासन द्वारा समस्त तैयारियां की गई।

“रक्षाबंधन पर्व के दौरान केन्द्रीय जेल बड़वानी में लगभग 1050 बहनों ने अपने बंदी भाइयों की कलाइयों पर राखी बाधकर रक्षाबंधन पर्व मनाया”

●》जेल में रक्षाबंधन मनाने का क्या है कारण? जानिए.》》

इस अवसर पर जेल अधीक्षक सुश्री शेफाली तिवारी द्वारा बताया गया कि –
रक्षाबंधन का यह पर्व केवल एक धार्मिक या पारंपरिक आयोजन नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास, सुरक्षा और येह का प्रतीक है। जब बहनें अपने बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, तो यह न केवल उनके बीच भावनात्मक जुड़ाव को पुनर्जीवित करता है,

बल्कि बंदियों को यह एहसास भी कराता है कि बाहर उनका एक अपना संसार है, जो उनके सुधार और पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहा है। ऐसे अवसर बंदियों के मनोबल को बढ़ाते हैं और उन्हें जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा देते हैं। हमारा प्रयास है कि इस तरह के अवसरों के माध्यम से बंदियों में परिवार और समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना और अधिक सशक्त हो।

●》और अंत में.》》

आयोजन के सफल संचालन में जेल अधीक्षक सुश्री शेफाली तिवारी, उप अधीक्षक श्रीमती कुसुमलता डाबर, सहायक जेल अधीक्षक श्री राधेश्याम वर्मा, श्री विनय काबरा एवं सुश्री संस्कृता जोशी सहित सम्पूर्ण जेल स्टाफ का योगदान सराहनीय रहा। सभी ने न केवल कार्यक्रम की व्यवस्थाओं का निरीक्षण एवं संचालन किया, बल्कि बहनों एवं बच्चों की सुविधा, सम्मान और सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा। कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था हेतु जिला पुलिस बड़वानी के आरक्षकों का भी विशेष सहयोग प्राप्त हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पूरा आयोजन शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ।

Show More

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!