
NEWS Leaders : बिगड़ी स्वास्थय सेवाओं का खामियाजा भुगते ग्रामिण, ढोल पीटती सरकार की पोल खोलती खबर
सेंधवा : न्यूज लीडर्स

न्यूज लीडर्स एक ऐसी खबर से आपको अवगत करा रहा है जिसमें ग्रामिण क्षेत्रों में बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं का खामियाजा ग्रामिण भुगत रहे है। जहां एक ओर सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का ढोल पीटती है।
लेकिन धरातल में वास्तविकता अलग है।
“ऐसा ही एक मामला सेंधवा विधानसभा का है जहां एंबुलेंस की कमी एक आदिवासी महिला की जान लेने का गवाह बनती है।”
●》मामला क्या है जानिए.》》
सेंधवा विकासखंड के ग्राम इनायकी गुडा के निवासी तुकाराम बर्डे की धर्मपत्नी ऊसके घर पर ही प्रसूति अवस्था में एक बच्चे को जन्म देती है। नवजात बच्चा तो सुरक्षित लेकिन उसकी तबियत बिगडने पर उसे चाचरिया अस्पताल लाया जाता है, आराम नहीं मिलने पर उच्च ईलाज के लिए सेंधवा भेज दिया जाता है जहां उसकी मौत हो जाती है।
●》मृतिका के पति ने लगाया आरोप.》》
मृतिका के पति तुकाराम का आरोप है की सही समय पर टिके ना लगने ओर आंगनवाड़ी आशा कार्यकर्त्ता का समय पर आकर ध्यान नही देने से यह स्थिति बनी है।

●》मौत के बाद एंबुलेंस के लिए हुई आफत.》》
परेशानी यही नहीं खत्म होती है, अब मृतिका को कैसै ले जाये। क्यों की अस्पताल में एंबुलेंस नही थी। स्थिति पता चलनो पर सेंधवा जयस अध्यक्ष राहुल सोलंकी ने जिला चिकित्सा अधिकारी श्रीमती सुरेखा जमरे को एंबुलेंस की समस्या से अवगत कराया। फिर अस्पताल की ओर से निजी एंबुलेंस की व्यवस्था से मृतिका को घर भेजा गया।
●》और अंत में.》》
इस पुरे घटनाक्रम से स्वास्थ्य सेवाओं की बिगडती हालत से स्थिति सामने आई है जो कई सवाल खडे करती है ?
